कहार: त्रैमासिक बहुभाषाई जनविज्ञान पत्रिका के नवें वर्ष में बढ़ते कदम

Kahaar: 9th year of the trimonthly multilingual people science magazine


प्रोफेसर एच. एस. श्रीवास्तव फाउंडेसन, लखनऊ (www.phssfoundation.org), पृथ्वीपुर अभ्युदय समिति, लखनऊ (www.prithvipur.org) और विवेकानंद युवा कल्याण केंद्र, पडरौना के संयुक्त प्रयास से कहार पत्रिका 2014 में प्रारंभ हुई, जिसका उद्देश्य जनमानस में विज्ञान के दर्शन, कार्य संस्कृति एवं जनोपयोगी उपलब्धियों से लोगों को परिचित कराना हैं | चूंकि हमारा मुख्य उद्देश्य जन-जन तक विज्ञान की खूबियों को पहुचाना है, हमनें प्रारंभ से ही भाषाओं, बोलियों, विधाओं तथा विषयों को साथ-साथ एक ही माला में गूथने का प्रयास किया | हमारी कोशिश है कि पाठक और लेखक विज्ञान को मात्र तकनीकी उपलब्धियों के रूप मे ना समझे, बल्कि विज्ञान को उसके दर्शन, सिद्धांतों तथा कार्य संस्कृति के साथ समझे जो तकनीकी उपलब्धियों की मूल ताकत है | साहित्य और कला के सिद्धांत और तरीके विज्ञान संचार को और अधिक जीवंत तथा प्रभावी बना सकते हैं, इसलिए कहार पत्रिका साहित्य और कला के विभिन्न स्वरूपों का स्वागत करती है | “कहार” नाम सांस्कृतिक रूप से एक दौर मे कई क्षेत्रों मे मनुष्य वाहक के लिए प्रयुक्त होता था जो एक जगह से सौगात दूसरी जगह ले जाता था | यह पत्रिका भी लेखकों की सौगात पाठकों तक ले जाने को प्रायोजित हैं | यही इसके नाम की सार्थकता हैं | 2017 में कहार के प्रकाशन के सहयोग मे सोसायटी फार इन्वायरमेन्ट एण्ड पब्लिक हेल्थ (सेफ), लखनऊ भी शामिल हो गयी |
2021 तक यह पत्रिका प्रिन्ट कॉपी और एलेक्ट्रॉनिक स्वरूप दोनों रूप मे प्रकाशित की गयी, परंतु कोरोना के दौर से अब इसे सिर्फ एलेक्ट्रॉनिक स्वरूप और ऑनलाइन ही प्रकाशित किया जा रहा है | यदि 200 तक प्रिन्ट प्रतियों के बिक्री की संभावना बनती है तो इसे पुनः प्रिन्ट प्रतियों मे भी प्रकाशित किया जाएगा | समय की आवश्यकता को देखते हुए बचपन क्रियेशन, लखनऊ के साथ मिलकर कहार पत्रिका का ऑनलाइन पोर्टल ( www.kahaar.org) भी हाल ही मे शुरू किया गया हैं | सभी लेखकों, पत्रकारों और पाठकों का इस मंच पर स्वागत हैं |

Professor H.S. Srivastava Foundation, Lucknow (www.phssfoundation.org), Prithvipur Abhyudaya Samiti, Lucknow (www.prithvipur.org) and Vivekananda Yuva Kalyan Kendra, Padrauna, jointly started “Kahar” Magazine was started in 2014, with the aim of spreading the philosophy, methodology and technological achievements of science to the masses. To make people acquainted with the work culture and public utility of scientific achievements, the magazine was planned to be multilingual and multidisciplinary. Since our main objective is to bring the merits of science to the masses, from the very beginning, we have tried to weave languages, dialects, genres and subjects together in a single string. It is our endeavour that readers and writers should not face any language and communication barriers. The name "Kahaar" was culturally used in many areas for a human carrier who had been carrying gifts and utilities from one place to another. This magazine is also intended to carry the knowledge, analysis and information from the experts of scientific understanding to the readers. We feel that our readers should not understand science as mere the technological achievements, but understand science in a wholestic way with its philosophy, principles and work culture which is the core strength of technological outcome. The principles and methods of literature and art forms can make science communication livelier and more effective, so “Kahaar” magazine welcomes various forms of literature and arts to communicate science. Later in 2017 Society for Environment and Public Health (SAFE), Lucknow also joined hand in its publication.
Till 2021, this magazine was published both in print and electronic forms, but since the emergences of Corona as a global crisis, now it is being published only in electronic and online forms. If there is a possibility of selling print copies up to 200 counts, it will be published again in print copies also. Keeping in view the need of the hour, the online portal of “Kahaar” Magazine (www.kahaar.org) has also been started recently in collaboration with Bachpan Creations, Lucknow. All writers, journalists and readers are welcome on this platform.

Kahaar : A Carrier for knowledge of Sustainable Development

(A multilingual magazine for common people)